लोहिया संस्थान की हेल्पलाइन नम्बर को ही हेल्प की जरूरत, सोए हैं जिम्मेदार, भटक रहे तीमारदार

 



लखनऊ। यूं तो डा राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान को मिनी पीजीआई की हैसियत से नवाजा गया है। संस्थान की व्यवस्थाओं को चाक चैबंद साबित करने में जिम्मेदार पीछे नहीं रहते। अपनी पीठ थपथपाकर खूब वाहवाही लूटते हैं। पर संस्थान की हेल्पलाइन काम नहीं करती है। प्रशासनिक भवन का सम्पर्क सूत्र भी कनेक्ट होने में असमर्थता जताता है।


ऐसे में दूर दराज के मरीजों के पास संस्थान आकर ही इलाज के लिए रजिस्ट्रेशन कराने संबंधी जानकारी मिल पाती है। मतलब साफ है कि आम आदमी को संस्थान में इलाज कराना है तो पहले यहां आकर अप्वाइंटमेंट से संबंधी जानकारी इकटठी करनी होगी। तभी इलाज संभव हो सकता है। सूचना प्रौदयोगिकी के समय में संस्थान की यह हालत जिम्मेदारों के जिम्मेदार रवैयेकी असलियत बयां करती है।


आपको यकीन नहीं हो रहा है तो डा राम मनोहर लोहिया की वेबसाइट पर दर्ज हेल्पलाइन नम्बर 0522-6663002 को एक बार खुद डायल कर सकते हैं। यह बताता है कि आपके द्वारा डायल किया गया नम्बर अमान्य है। इसके अलावा प्रशासनिक भवन के सम्पर्क सूत्र के रूप में दर्ज लैंडलाइन नम्बर भी कोई जवाब नहीं देता है। यह हकीकतें संस्थान की चाक चैबंद व्यवस्था की कलई खोल रही हैं।


ऐसे में समझा जा सकता है कि मिनी पीजीआई कहे जाने वाले संस्थान में सामान्य जानकारियों के लिए भी मरीजों को कितनी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस बारे में जानकारी के लिए जब संस्थान के निदेशक एके त्रिपाठी से जानकारी के लिए सम्पर्क करने का प्रयास किया गया तो वह संस्थान में मौजूद नहीं थे। उनके स्टाफ से इस बारे में बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने भी इस बारे में अनभिज्ञता जताई।